बिन डेटा सब सून
‘वत्स इनका विराट स्वरुप है। इनके रुप गूगल बाबा, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंकडिन, टेलीग्राम, व्हाट्सअप, ऑरकुट (अब दिवंगत) नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, बालाजी और वूट आदि हैं।’ गुरु मां इनका स्मरण करने से क्या होता है? ‘वत्स ये वे हैं, जिनके स्मरण मात्र से सब संभव हो जाता है, नालासोपारा का इंसान…