बिन डेटा सब सून

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‘वत्स इनका विराट स्वरुप है। इनके रुप गूगल बाबा, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लिंकडिन, टेलीग्राम, व्हाट्सअप, ऑरकुट (अब दिवंगत) नेटफ्लिक्स, अमेजॉन, बालाजी और वूट आदि हैं।’ गुरु मां इनका स्मरण करने से क्या होता है? ‘वत्स ये वे हैं, जिनके स्मरण मात्र से सब संभव हो जाता है, नालासोपारा का इंसान…

आप करामाती ऍप करिश्माई

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बीते डेढ़ वर्ष में कोरोना काल के दौरान जब लोग घरों में कैद रहने को विवश हो गए, तो ये ऐप उनका बड़ा सहारा बने और दुनिया को इसका एहसास हुआ कि अगर इंटरनेट न होता, वेबसाइट्स न होती और ये मोबाइल एप्स न होते, तो सच में दुनिया की चाल एकदम से थम जाती।

इंटरनेट : एक अंधेरी सुरंग

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वहां फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए लोग जाते हैं और नया पहचान पत्र मिल जाता है। अफगानिस्तान के लोगों को कई मुल्कों में प्रवेश नहीं है। उनका पासपोर्ट भारत में बनाकर उन्हें विदेश भेजने वाला गिरोह दिल्ली के जंगपुरा-भोगल इलाके में सक्रिय रहा है। बताया जाता है कि नए पहचान पत्र से लेकर पासपोर्ट बनाने तक की उनकी यात्रा में डार्क नेट का बहुत बड़ा योगदान है।

बस एक क्लिक की बात है…

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मानव ने अपनी सुविधा के लिए इंटरनेट का आविष्कार किया है। इसके आधार पर नित्य नूतन आविष्कार हो रहे हैं परंतु अगर मनुष्य इसकी मर्यादा भूलकर स्वयं को उसके अधीन कर दे तो निश्चित ही समस्या का सामना करेगा। इंटरनेट के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने या कुछ देर के मनोरंजन तक उसे सीमित कर दें, उसे अपने ऊपर हावी न होने दें, क्योंकि बात केवल एक क्लिक की है जो या तो हमारे ज्ञान में वृद्धि करेगी या हमें उस्तरा थामने वाला बंदर बनायेगी।

इंटरनेट ने बनाया हमारे दैनिक जीवन को सुगम

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माना जा रहा है कि विश्व में उपलब्ध लगभग 95% जानकारियां डिजिटल रूप में परिवर्तित कर इंटरनेट के माध्यम से जन सामान्य के लिए उपलब्ध करा दी गई हैं। इंटरनेट ने संचार विधा में संपूर्ण परिवर्तन ला दिया है, ज्ञान की उपलब्धता सुनिश्चित की है और सामाजिक स्तर पर पारस्परिक संवाद को न केवल बढ़ावा दिया है बल्कि हमारे दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि विश्व में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए परिवर्तनों से जीवन में आए बदलावों की ही तरह समाज में इंटरनेट के कारण भी अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं।

बोनसाई हो जाना रावण का..

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कस्बे के बच्चे उदास हैं। बच्चों की उदासी मुझसे देखी नहीं जाती। उनकी उदासी की वजह जाननी चाही तो उन्होंने कहा, अंकल इस बार दशहरे पर रावण  देखने भी नहीं जा पाएंगे। वर्चुअल क्लास की तरह ही वर्चुअल ही रावण दहन देखना पड़ेगा। जिन्दगी में थोड़ा-बहुत असली भी तो होना…

बैरी भये पालनहार

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‘बेटों ने तो गांव में भी कुछ नहीं छोड़ा है, मेरे लिए। वापस जाऊंगा तो लोगों को क्या कहूंगा। इसलिए लौट आया कि बेटे अपनी स्वार्थ लिप्सा में इतने गिर गये है कि उन लोगों ने अपना पता देने की जगह असहाय वृद्धाश्रम पहुंचाने के लिए अज्ञात व्यक्ति को पत्र…

गोरक्षा-राष्ट्र रक्षा

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गो रक्षा से राष्ट्र रक्षा संभव है इसलिए हमारे देश में संतों ने युगों-युगों से गो रक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया है। संतों ने अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देकर गो रक्षा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। ध्यातव्य है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मंगल पाण्डेय ने भी…

शस्त्र पूजन: शक्ति की उपासना

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भारतवर्ष एक प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक देश है। कई हजार साल पहले रामायण, महाभारत से लेकर आज से सत्तर साल पीछे देश की आजादी तक हमने एक चीज बहुत निरंतरता से आजमाई है, वो संघर्ष है। कोई भी संघर्ष शस्त्र के बिना अधूरा है। यही नहीं बल्कि हमारे सभी देव-देवताओं के हाथ में भी कोई न कोई आयुध शस्त्र नजर आते हैं।

राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख

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सम्पूर्ण जीवन में अपनी देह को कष्ट दे देकर समाजजागरण करने वाले राष्ट्रऋषि नानाजी ने मृत्युपूर्व इच्छापत्र लिखकर अपनी मृत देह चिकित्सकीय अनुसंधान हेतु दधिची संस्थान हेतु दान कर दी थी। नानजी को पद्म विभूषण व भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। ये सभी सम्मान निश्चित ही हमारे राष्ट्र का उनके कृतित्व व व्यक्तित्व को कृतज्ञता ज्ञापन ही है, तथापि यह भी सत्य ही है कि उनके व्यक्तित्व को इन सम्मानों से नहीं मापा जा सकता है।

सिनेमा और वायु सेना की साझी उड़ान

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हम देखते हैं कि रजतपट के रंगीन होने के बाद सिनेमा ने भारतीय वायु सेना को भी अपने बहुविध विषयों की माला के मनके के रूप में शामिल किया है। सिनेमा और वायु सेना के साझे सफर की यह उड़ान आगे चलकर कहां तक पहुंचेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

सिद्धि और साधना का पर्व शारदीय नवरात्र

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केरल में नवरात्रि देवी सरस्वती के सम्मान के रूप में  मनायी जाती है। इन नौ दिनों को केरल में सबसे शुभ माना जाता है। तमिलनाडु में नवरात्रि के समय गुड़ियों का एक प्रसिद्ध त्योहार मनाया जाता है, जिसे बोम्मई कोलू कहा जाता है।

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