रसोई  तो और चटखारेदार बनी है

Continue Readingरसोई  तो और चटखारेदार बनी है

भारतीय पाक कला ने अब अपना स्वरूप बदल दिया है। खाना बनाने की तकनीक, व्यंजनों में मिलाए जाने वाले पदार्थ, प्रस्तुति की तकनीक आदि बहुत कुछ बदला है और बदलता रहेगा। इससे भारतीय व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। प्रस्तुत है प्रसिद्ध शेफ पद्मश्री संजीव कपूर से हुई बातचीत के अंश-

हर गांव बने ‘धर्मज’

Continue Readingहर गांव बने ‘धर्मज’

गांव को गोकुल बनाने का आसान तरीका है- गोचर को पुनर्जीवित करें। गोचर से पशुओं को चारा मिलेगा, पशुओं से दूध और गोबर मिलेगा, गोबर से ईंधन के रूप में कंडे मिलेंगे, खाद भी मिलेगी। पानी के लिए तालाबों को सफाई करें तो उसकी मिट्टी खेतों में काम आ जाएगी। इस तरह पानी, चारा, दूध, खाद सबकुछ गांव में ही मिल जाएगा। इसका नमूना देखना हो तो धर्मज आइये....

न्यायपालिका को अधिक मजबूत करना होगा

Continue Readingन्यायपालिका को अधिक मजबूत करना होगा

स्वाधीनता के बाद अदालतों में आए बदलावों, मुकदमों में होने वाली देरी, उनके कारणों, कसाब मामला व न्याय व्यवस्था की अन्य समस्याओं पर प्रसिद्ध अधिवक्ता उज्ज्वल निकम से हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंश प्रस्तुत है- 

कला में परिवर्तन हो रहा है

Continue Readingकला में परिवर्तन हो रहा है

निजी तौर पर तो कला के क्षेत्र में हो तो बहुत कुछ रहा है जिसके कारण भारत के चित्रकारों को निरंतर पहचान मिल रही है किन्तु आवश्यकता है इस दिशा में सरकार द्वारा भी कोई ठोस कदम उठाने की। कलाकारों को महज सम्मानित कर देने से कला का सम्यक विकास नहीं होगा।कला तभी जीवित रह सकती है, जब कलाकार जीवित रहे और अपने जीवन निर्वाह के लिए किए जाने वाले प्रयासों से परे होकर विचार करने के लिए उसका मन स्वतंत्र हो।

दिव्यांगों के प्रति सकारात्मक रुझान

Continue Readingदिव्यांगों के प्रति सकारात्मक रुझान

दिव्यांगों के क्षेत्र में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है। मूल बात यह है कि उन्हें दया नहीं, स्वावलम्बी बनने के लिए मदद चाहिए। प्रस्तुत है दिव्यांगों के क्षेत्र में आए बदलावों, संस्थाओं, समस्याओं पर पश्चिम महाराष्ट्र, सक्षम के अध्यक्ष एड. मुरलीधर कचरेजी से  हुई बातचीत के महत्वपूर्ण अंशः-

जमाना बदल गया है…

Continue Readingजमाना बदल गया है…

मानव संसाधान के क्षेत्र में आमूल बदलाव आए हैं। अब कर्मचारी कम्पनियों के लिए बंधुआ मजदूर नहीं हैं, बल्कि एक बड़ी सम्पदा है। इसलिए तरह-तरह के लाभ दिए जा रहे हैं। यहां तक कि दफ्तर में झपकी लेने की सुविधा भी है। देखना है कि 2015 के बाद आई तरोताजा पीढ़ी हमें किस मुकाम तक पहुंचती है।

धीमी हो बदलाव की गति

Continue Readingधीमी हो बदलाव की गति

कुछ ही सालों के दौरान फिल्मों में जिस तरह तेजी से बदलाव आया यदि इसी तरह बदलाव आता रहा तो 2050 तक फ़िल्में कैसी होंगी? सकारात्मकता की ओर हम फिर लौटेंगे या नकारात्मकता अधिक बढ़ेगी? नई नई तकनीक हमें कहां ले जाएगी? हो सकता है कुछ सालों में ही हम चांद पर फिल्माई गई फिल्म देखें।

मुसलमानों में सुधारवाद का आगाज

Continue Readingमुसलमानों में सुधारवाद का आगाज

मुस्लिम समाज में अब सुधारवाद को समर्थन मिलने लगा है। मदरसा शिक्षा के बजाय वे अब आधुनिक शिक्षा की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का इसमें बड़ा योगदान है। प्रस्तुत है पिछले 70 वर्षों में मुस्लिम समाज में आए विभिन्न बदलावों पर वरिष्ठरा.स्व.संघ प्रचारक तथा मु.रा. मंच के प्रमुख मा. इंद्रेश कुमार जी से हुई बातीचीत के महत्वपूर्ण अंश-

युवा उद्योगपति एवं भारत का महाशक्ति बनने का सपना

Continue Readingयुवा उद्योगपति एवं भारत का महाशक्ति बनने का सपना

भारत को महाशक्ति बनना है तो आने वाले 20 से 30 वर्षों तक एक निश्चित नीति के अतंर्गत काम करना होगा। सरकारी नेतृत्व और  राजनीतिक इच्छाशक्ति की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। शिक्षा नीति आमूल बदलनी होगी; ताकि राष्ट्र व राष्ट्रप्रेम से नई पीढ़ी ओतप्रोत रहे।

पर्यटन उद्योग के विकास में तेजी

Continue Readingपर्यटन उद्योग के विकास में तेजी

पर्यटन में साधनों के विकास के साथ तेजी से इजाफा हो रहा है। आज देश के जीडीपी में पर्यटन उद्योग की भागीदारी लगभग साढ़े नौ प्रतिशत है। इससे नए-नए रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं। ‘उड़ान’ जैसी नई योजना के अंतर्गत देश के छोटे हवाई अड्डों का विकास किया जा रहा है, जिससे देश में आंतरिक हवाई सफर आम नागरिकों की पहुंच में आ गया है।

अटलजी एक विराट व्यक्तित्व

Continue Readingअटलजी एक विराट व्यक्तित्व

अटलजी में राजनेता, लेखक, कवि, चिंतक का अनूठा और दुर्लभ मिश्रण था। वे जितने भावुक थे उतने ही ‘अटल’ और दृढ़निश्चयी थे। परमाणु विस्फोट और करगिल युद्ध इसकी मिसालें हैं। जनसाधारण में विश्वास और देशभक्ति का अलख जगानेवाले वे अग्रदूत थे। उनके व्यक्तित्व के बारे में केवल इतना कहना ही…

जम्मू-कश्मीर वर्तमान और भविष्य

Continue Readingजम्मू-कश्मीर वर्तमान और भविष्य

अरब और मध्य एशिया से आए सैयदों और तुर्कों/ मंगोलों/ मुगलों ने कश्मीरियों पर राज किया है। महबूबा, उनके साथी और हुर्रियत कांफ्रेंस के लोग सैयद हैं। सैयद सक्रिय और हिंसक अल्पमत हैं। आम कश्मीरी- चाहे हिंदू हो या मुसलमान- बहुमत में हैं; शांति के पक्ष में हैं किंतु मौन हैं। मोदी सरकार आम कश्मीरियों के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। इसके अच्छे परिणाम अवश्य सामने आएंगे।

End of content

No more pages to load