व्यवस्था परिवर्तन जरूरी
विजयादशमी विजय का पर्व है। संपूर्ण देश में इस पर्व को दानवता पर मानवता की, दुष्टता पर सज्जनता की विजय के रूप में मनाया जाता है। विजय का संकल्प लेकर, स्वयं के ही मन से निर्मित दुर्बल कल्पनाओं द्वारा खींची हुई अपनी क्षमता और पुरुषार्थ की सीमाओं को लांघ कर पराक्रम का प्रारंभ करने के लिए यह दिन उपयुक्त माना जाता है।