काम करे मशीन शरीर करे जिम

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People on Treadmills
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आधुनिकता के नाम पर हम सुविधाभोगी और परजीवी होते जा रहे हैं। अपने पूर्वजों के विपरीत मेहनत करने की प्रवृत्ति से जी चुराने की वजह से हमारे शरीर में तमाम शारीरिक बीमारियां घर करती जा रही हैं और उनसे छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर हमें जिम ‘ज्वाइन’ करने की सलाह देते हैं जबकि  ज्यादातर मामलों में हम अपनी जीवन शैली में बदलाव करके शरीर फिट रख सकते हैं।

स्मार्टफोन बना रहा बच्चों को हिंसक

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आजकल स्मार्टफोन जीवन की आवश्यकता से आगे बढ़कर लोगों को सामाजिक जीवन से काटकर रख देने वाली चीज बन गए हैं। वैसे तो इसका प्रभाव हर वर्ग पर पड़ रहा है लेकिन बच्चों पर पड़ने वाला प्रभाव बहुत खतरनाक साबित हो रहा है क्योंकि बच्चे देश का भविष्य होते हैं और यह उनके मस्तिष्क को कुंद कर दे रहा है।

गुरु भी रहते हैं योग्य शिष्य की खोज में

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ऐसा नहीं है कि केवल शिष्य को सद्गुरु की तलाश रहती है, बल्कि गुरु को भी एक योग्य शिष्य की उतनी ही आवश्यकता होती है ताकि वह अपने उच्च मानकों को समाज के सम्मुख प्रतिपादित कर सके। इतिहास में ऐसे असंख्य उदाहरण बिखरे पड़े हैं जो इस ओर समाज का ध्यान खींचते हैं और मार्गदर्शन भी करते हैं।

‘आदर्श’ की तरह प्रस्तुत हों आदर्श

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कहा जाता है कि सिनेमा समाज को दर्पण दिखाता है परंतु यदि उसे माध्यम बनाने वालों का ध्येय शुद्ध ना हो तो वे समाज को गलत इतिहास और कथावस्तु से परिचित कराने का प्रयास करते हैं। तथ्यों से अपरिचित किशोर  और युवा उसी असत्य को सत्य मानकर आचरण करने लगते हैं।

मर्द का दर्द

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महिलाएं लम्बे समय तक हाशिए पर रही थीं इसलिए उनके विकास के लिए तमाम कानून और आयोग बनाए गए लेकिन अब बहुत सारी महिलाएं उनका दुरुपयोग कर पुरुषों को प्रताड़ित कर रही हैं। आवश्यकता है कि एक बार फिर उन नियमों की समीक्षा की जाए तथा कुछ ऐसे भी नए कानून बनें कि पुरुषों के साथ न्याय हो सके।

मंकीपॉक्स चिंता का विषय

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कोरोना के बाद मंकीपॉक्स एक बड़ी महामारी के तौर पर दुनिया भर में अपने पैर पसार रहा है। यद्यपि भारत में उसका कोई सक्रिय मामला नहीं मिला है लेकिन व्यापक स्तर पर तैयारी किए जाने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय यह बीमारी जिन देशों में तेजी से फैल रही है उन देशों के साथ भारत के मजबूत सम्बंध हैं और लोगों की आवाजाही भी लगातार होती रहती है।

सीमा सुरक्षा की चुनौतियां

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भारत की सीमाओं का काफी बड़ा हिस्सा चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगता है जहां से घुसपैठ का खतरा बना रहता है, इसलिए सीमा सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों का समन्वय आवश्यक कार्य है। इस दिशा में उखइचड का गठन सहायक सिद्ध होगा। 

गुजर गया पार्श्व गायन का स्वर्णिम दौर

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एक जमाना था जब गायकों की आवाज और लहजा अभिनेता से एकदम मेल खाता था परंतु आज के समय में ऐसा बिलकुल नहीं है। शायद यही कारण है कि आज के गानों की उम्र भी बहुत कम रह गई है। गायकों की भूमिका पार्श्वगायन से हटकर पृष्ठभूमि गायन तक ही सिमट कर रह गई है।

धर्म निरपेक्ष देश में समान नागरिक संहिता क्यों नहीं?

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देश में कई बार मांग उठी लेकिन वोट बैंक के चक्कर में समान नागरिक संहिता का मामला पीछे छूटता चला गया। आज आवश्यकता है कि यह कानून लाया जाए ताकि नागरिकों के जीवन स्तर में व्यापक और समान सुधार हो सके।

सेना में परिवर्तन का अग्निपथ

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सेनाओं की औसत उम्र को कम करने की दिशा में व्यापक कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना शुरू की है जो युवाओं को शारीरिक और मानसिक दृढ़ता तो देगी ही, साथ ही अचानक आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्षित युवाओं की एक रिजर्व फौज तैयार रहेगी।

हायब्रिड सुरक्षा तंत्र की जरूरत

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पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर की जनता का भरोसा भारत सरकार के प्रति बढ़ा है जिसने पाकिस्तान की जन सांख्यिकी बदलने की मुहिम को धक्का पहुंचाया है। इसीलिए वहां हायब्रिड आतंकियों द्वारा असुरक्षा का माहौल बनाए जाने की कोशिश की जा रही है। इसे रोकने के लिए उनके आकाओं पर लगाम लगाना आवश्यक है।

गौरवशाली देश का प्रतीक समर्थ परिवार

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समाज में लोगों की सामाजिक स्थिति उस परिवार पर निर्भर करती है जिससे वे आते हैं। इसलिए, हम लोगों की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर अधिक महत्व देते हैं। समाज का निर्माण व्यक्तियों से होता है और व्यक्तियों को उच्च स्तर का बनाने का उत्तरदायित्त्व परिवार पर रहता है। विद्वानों ने परिवार को व्यक्तियों को ढालने वाली प्रयोगशाला बतलाया है।

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