डर इसे कहते हैं

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असली डर किसे कहते है और डर का माहौल क्या होता है ? इसे जानने के लिए वर्तमान समय में श्रीलंका सबसे बेहतर उदाहरण है। श्रीलंका की सत्ता में आते ही राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे साम, दाम, दंड, भेद की नीति का पालन करते हुए खुलेआम अपने विरोधियों का सफाया कर रहे है।

फैसला

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राजन बाबू आज ही कनाडा से लौटे हैं। कनाडा में उनका शाकाहारी रेस्टोरेन्ट है। वे रमन के मित्र हैं। इसलिए वे रमन से मिलने रमन के घर पहुँचे परन्तु सन्ध्या ने उन्हें बताया कि वे संन्यास लेकर सिद्धेश्वर मंदिर में ही रहते हैं। अब वे घर नहीं आते। यह सुनकर राजन बाबू सिद्धेश्वर मंदिर की ओर चल दिए। रास्ता चलते हुए वे सोच रहे थे कि ऐसा क्या हुआ होगा, जिसने रमन को संसार और परिवार से विरक्त कर दिया।

ऐतिहासिक फिल्मों का दौर…

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ऐतिहासिक फिल्म का निर्माण एक तरह फिल्मी ही रहा। इतिहास के पन्नों में झांकने से ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह रहीं कि ऐसी फिल्म का कला निर्देशन या सेटस बहुत सुन्दर और बड़े होने चाहिए। फिल्म का प्रस्तुतिकरण वास्तविक जीवन से दूर रहे और उसमें नाट्यपूर्णता रहे। गीत संगीत और नृत्य की काफी भीड़ रहे। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि उसके डायलाग पब्लिक को पसंद आये।

इच्छा मृत्यु ले लो…

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महाराज अस्पतालों की महिमा बहुत व्यापक है। कई जगह, बिना डिग्री वाला नकली डॉक्टर भी मिले। जीरो नंबर मिला पर लक्ष्मी जी की महिमा स कई डॉक्टर बण जाव। पेट दर्द का नाम पर गुर्दा निकाल लेव। एक बार एक महिला मिली वो बताई, एक अस्पताल में कर्क रोग याने कैंसर का इलाज का लिए ऑपरेशन करना वाला था। मालूम पड्या कि उसने कैंसर ना है बल्कि क्षयरोग (टी.बी.) है।

भारत बोध के संघर्ष में मोदी का आंकलन

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भारतीय सभ्यता लम्बे अरसे तक संघर्षों में फंसी रही, तो इसका एक कारण यह भी माना जाता है कि भारत ने सेमेटिक पंथो और भारतीय पंथों का कभी भी यथार्थ की खुरदुरी भूमि पर आकलन नहीं किया। हम अपनी उदात्तता का प्रक्षेपण अन्य पंथों पर करते रहे और उनके यथार्थ का सामना करने से अब भी बचते रहे हैं।

उमंग भरा त्यौहार मकर संक्रांति

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मकर संक्रांति पर्व को भारत के ही समान नेपाल में भी सुख, शान्ति और उन्नति का प्रतीक और शुभ कार्यों का वाहक माना जाता है। अच्छी फसल देने के लिए किसान इस दिन ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। यही कारण है कि इस त्यौहार को किसानों का त्यौहार भी कहा जाता है।

हमारा स्वास्थ्य हमारे हाथ

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हम अपने शरीर में होने वाले कुछ बदलावों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं  कि इसमें कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। आइये कुछ लक्षणों को जानिए और जागरूक रहें...

तपस्या से समर्पण की ओर

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बिना किसी आधार या सहायता के सामाजिक समस्याओं से सरोकार एवं उनके निवारण के लिये कार्य करने वाली संस्थाओं एवं उनके कार्यकर्ताओं की जानकारी देनेवाली मालिका याने “तपस्या”। जिनके पास न पैसा है न ही नाम  परंतु समाज के लिये कुछ अच्छा कार्य कर रहे हैं, ऐसी संस्थाओं को समाज के सामने लाकर लोगों तक उनकी जानकारी पहुंचाना याने “तपस्या”।

ग्रामोदय से भारत उदय

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यदि आप डूल्टन के मिट्टी के बरतनों के कारखानों को देखने जाएं तो सौजन्यता के साथ आपको टाल दिया जाएगा। फिर भी हिंदुस्थानी कारीगरों को मजबूर किया गया कि वे अपने कपड़ों के थानों को धोकर सफेद करने के तरीके और अपने दूसरे औद्योगिक रहस्य मैनचेस्टर वालों को प्रकट कर दें। अंतत: उन्हें रहस्य खोलने पड़े।

संकल्प से सिद्धि तक

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ऐसे बीसियों उदाहरण है  जिनसे यह प्रमाणित होता है कि  हमारी चेतना में राष्ट्रीय दायित्व बोध आज भी स्थायी भाव नहीं बना सका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस टीम इंडिया औऱ एक भारत श्रेष्ठ भारत की बात पर जोर देते है उसकी बुनियादी सोच 125 करोड़ भारतीयों में नागरिकबोध के प्रादुर्भाव का ध्येय ही है।

भारती संस्कृति को रशिन बहुत चाहते हैं…

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 ‘रशियन इंडियन फ्रेंडशिप सोसायटी-दिशा’ के चेयरमैन डॉ. रामेश्वर सिंह और वाईस चेयरमैन डॉ. नादिंदा विगत 10 सालों से रूस में भारत-रूस मैत्री के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके सांस्कृतिक कार्यों से इन दो देशों में परस्पर सांस्कृतिक सामंजस्य बढ़ाने में योगदान मिला है। उनसे साक्षात्कार के माध्यम से उनके कार्यों का विस्तार एवं उपलब्धियां पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास...।

चित्तौड़गढ़ का सिसोदिया वंश

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चित्तौड़ दुर्ग राजपूती आन-बान शान का प्रतीक है। जो महत्त्व इस गढ़ को एवं इसके सिसोदिया वंश के महाराणाओं को इतिहास के पृष्ठों में मिला है। वह यश एवं कीर्ति अन्य किसी गढ़ या वंश को उतनी मात्रा में नहीं मिली है। इस महत्त्व को दिग्दर्शित करते हुए कवि ने कहा है-

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